पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट में भयंकर कमियां हैं।
2.
16 मई 2010 पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट पर एक जन सुनवाई प्लांट स्थान पर आयोजित की गयी।
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जिन कागजों पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट और प्रबंध योजना, के आधार पर जन सुनवाई होती है वे क्या है?
4.
अंग्रेजी के सैकड़ो पन्ने के पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट और प्रबंध योजना की मात्र सार-संक्षेप जो कुछ लोगों को बांटा गया है।
5.
पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट और प्रबंध योजना सार-संक्षेप परियोजना के पक्ष में ही बात कहता है जिससे मालूम पड़ता है कि ये निष्पक्ष नहीं है।
6.
पहले प्रस्तावित कोटली भेल चरण-1 अ और ब, दोनों ही परियोजना क्षेत्रें में पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट व प्रबंध योजना प्रभावितों से छुपाई गई।
7.
जनसुनवाई में प्रभावितों को पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट (ईआईए) व पर्यावरण प्रबंध योजना (इएमपी) जैसे कागजात लोगों को उपलब्ध नहीं कराये गये।
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इसके बाद वर्ष 2007 में एक व्यापक पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट तैयार की गई जिसके लिए मंत्रालय से कोई संदर्भ शर्ते जारी नहीं की गई थी।
9.
लोगों को ये भी पता नहीं चल पाया कि पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट और प्रबंध योजना जैसे कोई कागजात होते हैं, जिन पर जनसुनवाई की जाती है।
10.
बांध की पर्यावरण प्रभाव आकलन रिपोर्ट सेन्टर फार एन्वायरमेन्ट, वाटर एंड पावर कंसलटैंसी सर्विस (आई) लिमिटेड, भारत सरकार के उपक्रम के द्वारा तैयार की गई थी।